माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है, जिसमें सिर के एक तरफ (दाहिनी या बायीं) दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटे से ले कर कुछ दिन तक रहता है। इसे हिंदी में आधाशीशी या अधकपारी भी कहते हैं। माइग्रेन का कोई समय निश्चित नहीं होता, यह कभी तो जल्दी-जल्दी भी होता है, तो कभी महीनों में होता है। ज्यादा पुराना (Chronic) होने के कारण कुछ लोगो को माइग्रेन का पहले से पता चल जाता हैं। कभी-कभी अधिक दर्द के कारण उल्टी हो जाती हैं, जिससे दर्द में आराम आ जाता है।
माइग्रेन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा होता है। यह 14 साल की उम्र से ले कर 40 साल की उम्र के लोगों को अधिक होता है।
माइग्रेन के लक्षण- सिर में एक तरफ (दायी या बायीं) ओर तेज दर्द, दर्द कुछ घंटे से ले कर कुछ दिन तक रहना, उल्टी होना या जी मचलना, तेज रोशनी या आवाज़ सहन ना होना, उल्टी होने पर दर्द कम होना, अंधेरे में अकेले चुपचाप बैठना अच्छा लगना, चिड़चिड़ाहट होना या गुस्सा आना, नींद ना आना, धूप में जाने पर तकलीफ होना, आंखों के ऊपर (आइब्रो पर दर्द) होना, कब्ज या दस्त रहना, आंखों के आगे अंधेरा छाना या अजीब सी आकृतियां दिखना, बार-बार पेशाब होना।
माईग्रेन के लिए होम्योपैथिक मे बहुत सी दवाएं हैं, जिन्हें कुछ समय तक लेने से माईग्रेन की समस्या हमेशा के लिए ठीक हो जाती हैं। जानकारी हेतु यहां पर कुछ होम्योपैथिक दवाए बताई गई हैं। कृपया खुद उपचार न करें, क्योंकि होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर किया जाता है।
स्पाईजेलिया (Spigelia)
बायीं ओर सिरदर्द होना, बहुत तेज दर्द जो बायीं आंख के ऊपर आईब्रो पर ज्यादा होता है। रोशनी और शोर बर्दाश्त नहीं होता, चक्कर आते रहते हैं।
साईलिसिया(Silicea)
उपवास करने के कारण सिरदर्द होता है, ठंड में ज्यादा तकलीफ होती है, सिर में अत्याधिक पसीना आता है। आखों में तेज दर्द होता है, गर्दन के पिछले भाग में दर्द होता है। कुपोषण के कारण होने वाला सिरदर्द। पीरियड्स के समय ज्यादा तकलीफ होती हैं।
नेट्रम-म्यूर (Nat-Mur)
किसी भी मानसिक परेशानी के कारण होने वाला सिरदर्द, धूप में जाने पर होने वाला सिरदर्द। सूरज उगने से ले कर डूबने तक सिरदर्द होता है। उसके बाद ठीक हो जाता हैं। एनीमिया के कारण होने वाला सिरदर्द, खास कर किशोरावस्था में होने वाला सिरदर्द, दर्द एक निश्चित समय पर होता हैं, जो लेटने या सोने जाने पर कम हो जाता है।
काफिया (Coffea)
अचानक ख़ुशी या किसी दुःख के कारण माइग्रेन होना। शोर या किसी प्रकार की गंध से सिरदर्द बढ़ जाना, सिर में असहनीय दर्द होना। नींद न आना।
ब्रायोनिया (Bryonia)
दायीं तरफ सिरदर्द हो, जो कि हिलने-डुलने पर ज्यादा बढ़ जाए, यहां तक कि आंख खोलने तक में दर्द होता है। मरीज चुपचाप अंधेरे कमरे में लेटे रहना चाहता हैं। चिड़चिड़ापन, जी मिचलाना और चक्कर आना।